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Deshbhakti Shayari
देशभक्ति शायरी : दोस्तो देशभक्ति को वैसे तो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता लेकिन कुछ देशभक्ति शायरी ऐसी होती है की वो इंसान के अन्दर देशभक्ति जगा देती हैं। हमारे पास एक खास संग्रह है जो आपके दिल को छू जाएगा - "देश भक्ति शायरी"। यह पेज उन रचनाओं का आभूषण है जिनमें वीरता, गर्व और अपने देश के प्रति समर्पण की भावना उभारती है। तो दोस्तो हम लेकर आये हैं ऐसी देशभक्ति शायरी जो आपके अन्दर उत्साह जोश और देशप्रेम की भावनाओ को भर देंगी। जैसे- Best Shayari for Desh Bhakti, Deshbhakti Hindi Shayari, New Desh Bhakti Shayari, Latest Deshbhakti Status, Best Deshbhakti Shayari, Independence Day Shayari, Republic Day Sms, Patriotic Shayari in Hindi हम आशा करते हैं आपको हमारा ये देशभक्ति शायरी संग्रह जरुर पसंद आयेगा।
Mere Mulk Ki Hifazat...
Mere Mulk Ki Hifazat Hi Mera Farz Hai
Aur Mera Mulk Hi Meri Jaan Hai,
Is Par Kurbaan Hai Mera Sab Kuchh,
Nahi Isse Badhkar Mujhko Apani Jaan Hai.
मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है
और मेरा मुल्क ही मेरी जान है,
इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ,
नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।
Apna Hindustaan Hai...
Teen Rang Ka Nahi Vastr, Ye Dhvaj Desh Ki Shaan Hai,
Har Bhartiy Ke Dilo Ka Svabhimaan Hai,
Yahi Hai Ganga, Yahi Hai Himalay, Yahi Hind Ki Jaan Hai
Aur Teen Rangon Mein Ranga Hua Ye Apna Hindustaan Hai.
तीन रंग का नही वस्त्र, ये ध्वज देश की शान है,
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान है,
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान है
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं।
Lahoo Vatan Ke Shaheedon Ka...
Lahoo Vatan Ke Shaheedon Ka Rang Laaya Hai,
Uchhal Raha Hai Zamane Mein Naam-E-Aazadi.
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछ्ल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।
Vatan Ki Khaak Zara Ediyaan Ragadne De,
Mujhe Yaqeen Hai Pani Yaheen Se Niklega.
वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियां रगड़ने दे,
मुझे यक़ीन है पानी यहीं से निकलेगा।
Dil Se Niklegi Na Mar Kar Bhi Vatan Ki Ulfat
Meri Mitti Se Bhi Ḳhushbu-E-Wafa Aaegi
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की नफरत,
मेरी मिटटी से भी खुशबू-ए-वफ़ा आयेगी।
Patriotic Shayari, Bharatmata Tumhen Pukare
Bharatmata Tumhen Pukare Aana Hi Hoga,
Karz Apne Desh Ka Chukana Hi Hoga,
De Karake Kurbani Apni Jaan Ki,
Tumhe Marna Bhi Hoga Maarna Bhi Hoga.
भारतमाता तुम्हें पुकारे आना ही होगा,
कर्ज अपने देश का चुकाना ही होगा,
दे करके कुर्बानी अपनी जान की,
तुम्हे मरना भी होगा मारना भी होगा।
Deshbhakti Shayari, Desh Ka Sammaan
Main Apne Desh Ka Hardam Samman Karta Hun,
Yahan Ki Mitti Ka Hi Gunagaan Karta Hun,
Mujhe Dar Nahin Hai Apani Maut Se,
Tiranga Bane Kafan Mera, Yahi Armaan Rakhta Hun.
मैं अपने देश का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे डर नहीं है अपनी मौत से,
तिरंगा बने कफ़न मेरा, यही अरमान रखता हूँ।