Jalta Raha Parwana

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#Chahat Ki Mehfil Main Bulaya Hai Kisi Ne,
Khud Bula Ke Phir Sataya Hai Kisi Ne,
Jab Tak Jali Hai Shama, Jalta Raha Parwana,
Kya Is Tarha Saath Nibhaya Hai Kisi Ne.

#चाहत की महफ़िल मैं बुलाया है किसी ने,
खुद बुला के फिर सताया है किसी ने,
जब तक जली है शमा, जलता रहा परवाना,
क्या इस तरह साथ निभाया है किसी ने।

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Chhod Aayi Thi Main Tera Wo Shaher,
Soch Ke Ye Ki Bhool Jaungi Tujhe Main,
Par Itni Door Aakar Bhi Na Bhool Payi Main Tujhe,
Soch Ke Ye Ki Tadpaungi Tujhe Main.
Par Tadapti Rahi Main Khud Itni,
Jaise #Shama Jalti Hai #Parvane Ke Liye,

छोड़ आयी थी मैं तेरा वो शहर,
सोच के ये की भूल जाउंगी तुझे मैं,
पर इतनी दूर आकर भी न भूल पायी मैं तुझे,
सोच के ये की तड़पाऊंगी तुझे मैं,
पर तड़पती रही मैं खुद इतनी,
जैसे #शमा जलती है #परवाने के लिए।

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